इसरो की विजयगाथा (Isro's Victory)
Chandrayaan 2 launch date soon .
अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भाारत का अबतक का सफर काबिल-ए-तारीफ है। एक समय ऐसा भी था जब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पास संसाधनों की कमी की वजह से रॉकेटों केा बैलगाड़ी – साइकिल से प्रक्षेपण स्थल ले जाया गया था।
लेकिन समय के हिसाब से भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के मेहनत की वजह से भारत आज इस क्षेत्र में नए-इन आयाम छू रहा है।
अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की चमत्कारिक उपलब्धियों पर एक नजर:-
ऐसे हुआ सफर –
डॉ साराभाई ने 15 अगस्त 1969 को इसरो की स्थापना की थी। इसरो की स्थापना से पहले 1963 में भारत ने पहला रॉकेट छोड़ा था, जिसे साइकिल पर लादकर केरल के थुंबा गांव में स्थित प्रक्षेपण स्थल पर लाया गया था। भारत ने पहले रॉकेट के लिए नारियल के पेड़ों को लांचिंग पैड बनाया था। समु्द्र किनारे खडे नारियल के पेड़ों पर इस रॉकेट को बांधा गया था, और फिर सभी वैज्ञानिकों ने मिलकर इसे लांच किया। इस मिशन का दूसरा रॉकेट काफी बड़ा और भारी था, जिसे बैलगाड़ी के सहारे प्रक्षेपण स्थल पर ले जाया गया था।
नहीं था दफ्तर ।
हमारे वैज्ञानिकों के पास अपना दफ्तर नहीं था, वे कैथोलिक चर्च सेंट मेरी मुख्य कार्यालय में बैठकर सारी प्लानिंग करते थे।
* जाने , अमेरिका ने भारत को दिया नाटो देश जैसा दर्जा, रक्षा सौदों में आसानी होगी || AMERICA-INDIA RELATIONSHIP||#NATO|| #PMNARENDRAMODI .
आर्यभट्ट, 1975:
आर्यभट्ट अंतरिक्ष यान जिसका नाम प्रसिद्ध भारतीय खगोल विज्ञानी के नाम पर रखा गया था, देश का पहला उपग्रह साबित हुआ। यह भारतके अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक मील का पत्थर साबित हुआ।यह पूरी तरह से स्वदेशी था और 1975 में सोवियत संघ की मदद से इसे लांच किया गया था।
एसएलवी-3:
1980 भारतीय वैज्ञानिकों ने पहला स्वदेशी लांचिंग व्हीकल एसएलवी-3 तैयार किया। इससे 18 जुलाई 1980 को रोहिणी सेटेलाइट को प्रक्षेपण के तौर पर लांच किया गया था।
इंडिया नेशनल सेटेलाइट सिस्टम, 1983 – इनसैट
के नाम से लोकप्रिय यह सेटेलाइट सिस्टम उपग्रहों की एक सीरीज, जो दक्षिण एशियाई क्षेत्र में संचार और प्रसारण की सुविधा प्रदान करता है । इस सीरीज का पहला उपग्रह 1983 में कक्षा में स्थापित किया गया था। जिसके बाद भारत मे टेलीविजन, रेडियो प्रसारण , दूरसंचार और मौसम क्षेत्रों में एक क्रांति की शुरूआत हुई। इनसैट कार्यक्रम के दौरान अंतरिक्ष में भेजे गए 24 उपग्रहों मे से 11 अभी भी सक्रिस हैं।
पोलर सेटेलाइट लांच व्हीकल, 1993:
1993 से इसके निर्माण का काम शुरू हुआ। पीएसएलवी ने 1993 में अपना पहला मिशन पूरा किया।अगले 20 वर्षों के लिए, इसने चंद्रयान और मंगलयान जैसे ऐतिहासिक मिशनों के लिए विभिन्न उपग्रहों को लांच किया। पीएसएलवी एक लांच सेवा प्रदाता के रूप में विभिन्न संगठनों के बीच पसंदीदा है और 19 देशों के लिए 40 से अधिक उपग्रहों को लांच कर चुका है।
चंद्रयान -1’2008:
यह चंद्रमा पर भेजे जाना वाला पहला भारतीय अंतरिक्ष यान था। इस मानवरहित अंतरिक्ष यान को 22 अक्टूबर 2008 को लांच किया गया था। 8 नवंबर 2008 यह यह यान चंद्रमा पर पहुंच गया था। इसने चंद्रमा की कक्षामे 312 दिन बिताए थे। इसने चंद्रमा पर भारत का झंडा भी फहराया। सिंतबर 2009में नासा ने एलान किया कि चंद्रयान -1 ने यह कारनामा कर दिखाया है।
इसरो की - विजयगाथा || ISRO'S VICTORY || Chandrayan-2 || INDIA || Important News||
Reviewed by Govind Nagar Dhakad
on
July 16, 2019
Rating:

No comments: