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आर्य भारत के ही मूल निवासी थे , इतिहास का सबसे बड़ा खुलासा - जाने विस्तार से | Arya was a native of India ? | Current News

आर्य भारत के ही मूल निवासी थे , इतिहास का सबसे बड़ा खुलासा - जाने विस्तार से  | Arya was a native of India ?


आर्य बाहर (विदेश) से आए थे या यहीं (भारत) के निवासी थे? 
इस सवाल का जवाब मिल गया है। 
दरअसल, हरियाणा के हिसार जिले के राखीगढ़ी में हुई हड़प्पाकालीन सभ्यता की खोदाई में कई राज से पर्दा उठा है। राखीगढ़ी में मिले 5000 साल पुराने कंकालों के अध्ययन के बाद जारी की गई  से खुलासा हुआ है कि आर्य यहीं के मूल निवासी थे, बाहर से नहीं आए थे। यह भी पता चला है कि भारत के लोगों के जीन में पिछले हजारों सालों में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है।
बाहर से नहीं आये थे आर्य
इस रिसर्च में सामने आया है कि आर्यन्स भारत के ही मूल निवासी थे। इसे लेकर वैज्ञानिकों ने राखीगढ़ी में मील नरकंकालों के अवशेषों का डीएनए टेस्ट किया था। डीएनए टेस्ट से पता चला है कि यह रिपोर्ट प्राचीन आर्यन्स की डीएनए रिपोर्ट से मेल नहीं खाती है। ऐसे में जाहिर आर्यों के बाहर से आने की थ्योरी ही गलत साबित हो जाती है।


◆ 9000 साल पहले भारत में हुई थी ,कृषि की शुरुआत

रिसर्च में सामने आया है कि 9000 साल पहले भारत के लोगों ने ही कृषि की शुरुआत की थी। इसके बाद ये ईरान व  इराक होते हुए पूरी दुनिया में पहुंची। भारत के विकास में यहीं के लोगों का योगदान है। कृषि से लेकर विज्ञान तक, यहां पर समय समय पर विकास होता रहा है। भारतीय पुरातत्व विभाग (Archaeological Survey of India) और जेनेटिक डाटा से इस बात को पूरी दुनिया ने माना है।


◆ होती थी सरस्वती की पूजा, हवन भी किया जाता था

गौरतलब है कि इतिहास सिर्फ लिखित तथ्यों को मानता है, लेकिन वैज्ञानिक सबूतों का ज्यादा महत्व होता है। राखीगढ़ी में मिले 5000 साल पुराने कंकालों के अध्ययन के बाद जारी की गई रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि हड़प्पा सभ्यता में सरस्वती की पूजा होती थी। इतना ही नहीं यहां पर हवन भी होता था।


◆ हडप्‍पा काल में प्रेम का विस्‍तृत संसार

इसी साल की शुरुआत में हडप्‍पाकालीन सभ्‍यता के बारे में कई नई जानकारियां सामने आई हैं। नए मिले तथ्‍योंं व चीजों से अनुमान लगाया जा रहा है हडप्‍पा काल में प्रेम का विस्‍तृत संसार था। खोदाई के दौरान एक युगल के कंकाल मिले हैं। इसमें पुरुष अपनी महिला साथी को निहार रहा है।


◆ कंकाल से कहीं चीजों पर राज उठा

हिसार के राखीगढ़ी में हड़प्‍पा खोदाई का काम कर रहे पुणे के डेक्कन कॉलेज के पुरातत्वविदों के अनुसार, खोदाई के वक्त युवक (कंकाल) का मुंह युवती की तरफ था। यह पहली बार है जब हड़प्पा सभ्यता की खुदाई के दौरान किसी युगल की कब्र मिली है। हैरानी की बात यह है कि अब तक हड़प्पा सभ्यता से संबंधित कई कब्रिस्तानों की जांच की गई, लेकिन आज तक किसी भी युगल के इस तरह दफनाने का मामला सामने नहीं आया था।

राखीगढ़ी में खोदाई करनेवाले पुरातत्वविदों के अनुसार, युगल कंकाल का मुंह, हाथ और पैर सभी एक समान है। इससे साफ है कि दोनों को जवानी में एक साथ दफनाया गया था। बता दें के ये निष्कर्ष हाल ही में अंतरराष्ट्रीय पत्रिका, एसीबी जर्नल ऑफ अनैटमी और सेल बायॉलजी में प्रकाशित किए गए थे।


◆ पहली बार मिला इस तरह युगल कंकाल

खोदाई और विश्लेषण का कार्य विश्‍वविद्यालय के पुरातत्व विभाग और इंस्टिट्यूट ऑफ फरेंसिक साइंस, सोल नेशनल यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन द्वारा किया गया। इससे पूर्व लोथल में खोजे गए एक हड़प्पा युगल कब्र को माना गया था कि महिला विधवा थी और उसे अपने पति की मौत के बाद दफनाया गया था।


◆ दोनों के बीच था प्रेम संबंध

पुरातत्वविदों का कहना है कि जिस तरह से युगल के कंकाल राखीगढ़ी में दफन मिले, उससे साफ है कि दोनों के बीच प्रेम था और यह स्नेह उनके मरने के बाद उनके कंकाल में नजर आता है। सिर्फ अनुमान लगाया जा सकता है कि जिन लोगों ने दोनों को दफनाया था, वे चाहते थे कि दोनों के बीच मरने के बाद भी प्यार बना रहे। उन्होंने कहा कि युगलों के दफनाने का मामला दूसरी प्राचीन सभ्यताओं में दुर्लभ नहीं है। इसके बावजूद यह अजीब है कि उन्हें अब तक हड़प्पा कब्रिस्तान में नहीं खोजा गया।


Source- Denik Jagran
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आर्य भारत के ही मूल निवासी थे , इतिहास का सबसे बड़ा खुलासा - जाने विस्तार से | Arya was a native of India ? | Current News आर्य भारत के ही मूल निवासी थे , इतिहास का सबसे बड़ा खुलासा - जाने विस्तार से  | Arya was a native of India ? | Current News Reviewed by Govind Nagar Dhakad on September 08, 2019 Rating: 5

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