अशोक के शिलालेख और उसके विषय,,,,, (Point Wise)
शिलालेख -1. इसमें पशु बलि की निंदा की गई।
शिलालेख-2. समाज कल्याण, मनुष्य व पशु चिकित्सा।
शिलालेख-3. अशोक के तीसरे शिलालेख से ज्ञात होता है कि उसके राज्य में प्रादेशिक, राजूक , युक्तों को हर 5 वें वर्ष धर्म प्रचार हेतु भेजा जाता था जिसे अनुसन्धान कहा जाता था। इसमें बचत, धार्मिक नियम और अल्प व्यय को धम्म का अंग बताया है।
शिलालेख-4. भेरिघोष की जगह धम्म घोष की धोषणा।
शिलालेख-5. धर्म महामत्रों की नियुक्ति (13 वें वर्ष )
शिलालेख-6. आत्म नियंत्रण की शिक्षा।
शिलालेख-7.व 8. अशोक द्वारा तीर्थ यात्राओ का वर्णन।
शिलालेख-9. सच्ची भेंट व सच्चे शिष्टाचार का वर्णन।
शिलालेख-10. राजा व उच्च अधिकारी हमेशा प्रजा के हित में सोचें।
शिलालेख-11. धम्म की व्याख्या। धर्म के वरदान को सर्वोत्तम बताया।
शिलालेख-12. स्त्री महामत्रों की नियुक्ति व सभी प्रकार के विचारो के सम्मान की बात कही। धार्मिक सहिष्णुता की निति।
शिलालेख-13. कलिंग युद्ध, अशोक का हृदय परिवर्तन, पड़ोसी राजाओं का वर्णन।
शिलालेख-14. धार्मिक जीवन जीने की प्रेरणा दी।
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अशोक के शिलालेख और उसके विषय,,,,, (Point Wise) | Ashoka's inscriptions | Ancient History
Reviewed by Govind Nagar Dhakad
on
September 06, 2019
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