"कल्पना चावला"
आज हम ऐसी शख्सियत को याद करने जा रहे है, जिसने भारतीयता का परचम पूरी दुनिया में लहराया था। जो कि महिलाओं के लिए आगे बढ़ने के लिए मिशाल पेश की, हम उस शख्शियत को सबसे पहले ,उनकी जयंती पर सादर नमन करना चाहेंगे।
उन शख्शियत का नाम है, कल्पना चावला जी
आज उनकी जयंती पर हम उनके बारे में विस्तार से जानेंगे।
★परिचय-
नाम- कल्पना चावला
जन्म- 17 मार्च 1962
निधन- 1 फरवरी 2003
हरियाणा में जन्मी कल्पना आज भी लोगों की स्मृति में है। हर लड़की कल्पना चावला जैसी बनना चाहती है। कल्पना चावला भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री एवं अंतरिक्ष शटल मिशन की विशेषज्ञ थी।
★ प्रारंभिक जीवन ओर शिक्षा -
कल्पना के पिता की इच्छा थी कि बेटी अध्यापिका या डॉक्टर बने, लेकिन कल्पना की उड़ान कुछ औऱ ही थीं। वह बचपन से ही अंतरिक्ष में उड़ना चाहती थी।इसलिए वह हमेशा से आसमान में उड़ने के सपनो में ही खोई रहती थी।
उनकी प्राथमिक शिक्षा करनाल में हुई। सन1982 में पंजाब यूनिवर्सिटी में एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक कर ली थी।
इसके बाद वह उच्चशिक्षा के लिए अमेरिका चली गयी। टेक्सास विश्वविद्यालय से पोस्टग्रेजुएट औऱ बाद में कोलोरोडो विश्वविद्यालय से ऐरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी की।
★ कैरियर-
अक्सर माना जाता है कि, विज्ञान और अनुसंधान का क्षेत्र महिलाओ के लिए ठीक नही होता। मगर कल्पना चावला ने उन सभी पैमानों को नकार दिया था।जो एक लड़की के लिए बनाए गए थे।
1988 में वह नासा से जुड़ी एवं वहा के "अमेश रिसर्च सेंटर"
में बतौर उपाध्य्क्ष के रूप में काम शुरू किया। उस समय उन्होंने flued dionomix में भी अनुसंधान किया।
इसके बाद केलिफोर्निया की कंपनी में भी उपप्रमुख के रूप में काम किया।
उन्हें उड़ान प्रशिक्षक का दर्जा हासिल था। अपने करियर में उन्होंने काफी शोधपत्र लिखे।
*1991 में वह अमेरिका की नागरिक बन गई।औऱ 1995 में वह नासा एस्ट्रोनॉट कॉर्प में शामिल हो गयी।
कल्पना को अंतरिक्ष यात्रियों के 15 वे दल में शामिल किया था।
एक साल के प्रशिक्षण के बाद उन्हें अंतरिक्ष यानो के नियंत्रण की व्यवस्था की जांच में लगाया गया।
★पहली उड़ान-
कल्पना चावला को 15वें उम्मीदवार के रूप में जॉनसन स्पेस सैंटर भेजा गया था। उसके बाद उन्होंने अपने कदमों को पीछे नहीं हटने दिया। उन्होंने 1996 में बहुत उन्नति प्राप्त की और मिशन विशेषज्ञ का दर्जा प्राप्त किया। आखिर में 19 नवम्बर, 1997 में उन्होंने कोलम्बिया अंतरिक्ष यान से अपनी पहली उडान को शुरू किया था। जब उन्होंने अपनी पहली उडान को सफल कर लिया था तब उनके चेहरे पर सफलता की खुशी झलक रही थी। इसके बाद उन्होंने अपना सारा जीवन अंतरिक्ष को सौंप दिया था।
★दूसरी उड़ान-
दूसरी बार कल्पना चावला को कोलंबिया की शुद्ध उडान के लिए चुना गया। इस उडान में उनके साथ और छ: वैज्ञानिक यात्री भी थे। वे अंतरिक्ष में 16जनवरी, 2003 को गयीं थीं। जब वे 1 फरवरी, 2003 को अंतरिक्ष से वापस लौट रहीं थीं तो उनका विमान कोलंबिया किसी वजह से दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
विस्फोट के समय कल्पना चावला और उनके छ: साथी उनके साथ भगवान को प्रिय हो गये थे। कल्पना ने इस उडान में 760 घंटे अंतरिक्ष में बिताये थे और पृथ्वी के 252 चक्कर भी काटे थे। उनकी मृत्यु एक वीर नायिका की भांति हुई थी इसी कारण से भारत में उन्हें राष्ट्रीय नायिका की उपाधि मिली थी।
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धन्यवाद,
कल्पना चावला जयंती(kalpana chawla) || विशेष ,17 मार्च 1962- 1 फरवरी 2003 ||
Reviewed by Govind Nagar Dhakad
on
March 17, 2019
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