जानिए "द प्लास्टिक मैन ऑफ इंडिया" के बारे में || The plastic Man of INDIA || Rajgopalan Vasudevan ||
The plastic Man of INDIA "Rajgopalan Vasudevan "
हेल्लो दोस्तों में हूं, गोविन्द नागर धाकड़ ...
मेरे ब्लॉग www.blsons.blogspot.com में आपका हार्दिक स्वागत है,
दोस्तो आजकल पूरे वातावरण में प्रदूषण इतना बढ़ गया है, की जो कि अधिक जनसंख्या वाले नगर है, वहाँ रहना बहुत मुश्किल सा होता जा रहा है, एवं इस प्लास्टिक के प्रयोग के कारण ,वातावरण बहुत ज्यादा प्रदूषित हो गया है, जिसके कारण बहुत सारी बीमारियों के बढ़ने का खतरा हो गया है, एवं इस अपशिष्ट पदार्थ का निस्तारण ही एक मात्र इसका हल है,
एवं इसी सोच को साथ लेकर चलने वाले वो शक्स जिन्होंने यह कारनामा कर दिखाया एवं इस अपशिष्ट के निस्तारण का नया रास्ता खोज निकाला।
और उन शक्श को आज पूरे भारत मे " द प्लास्टिक मेन ऑफ इंडिया " के नाम से जानने लगे ।
दोस्तों इनके बारे में हम विस्तार से जानेंगे।
★परिचय -
नाम - राजगोपालन वासुदेवन
स्थान- मदुरै
शिक्षा- P.hd
कार्य- केमिस्ट्री प्रोफेसर ( चेन्नई )
प्रमुखता - अपशिष्ट प्रबंधन
* क्या है, ED (प्रवर्तन निदेशालय)
★"द प्लास्टिक मेन ऑफ इंडिया" बनने का विचार -
यह बात है, सन 2002 की जब इनके द्वारा खबरों में दिए गए, इंटरव्यू के अनुसार ,जब एक बार " वासुदेवन" जी टीवी में खबर देख रहे थे, तभी उसमे प्लास्टिक अपशिष्ट से होने वाली बीमारियों के बारे में बताया जा रहा था, तभी इनको विचार आया, की क्यो नही इस " अनुपयोगी अपशिष्ट को उपयोगी बनाया जाए"
तभी इस विचार को ध्यान में रखकर अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने लगे और
इस रोजाना उत्पन्न होने वाले लाखो टन प्लास्टिक अपशिष्ट को उपयोगी बनाने के लिए , " वासुदेवन जी" ने इस से सड़क बनाने के रूप में उपयोगी समझा।
★ प्लास्टिक अपशिष्ट का मिश्रण तैयार किया -
"वासुदेवन जी" द्वारा इस मिश्रण के बारे में बताया गया कि ,जब प्लास्टिक को जब
छोटे- छोटे टुकड़ों में विभाजित कर
काली गिट्टी के 2mm के टूकड़ो को ,बिटुमिन के 90℅ के साथ 10 ℅ प्लास्टिक अपशिष्ट के साथ 170 ℃ के ताप पर गर्म कर मिश्रण तैयार किया जाता, है जिससे उनका बॉन्ड इतना मजबूत होता है कि उस से बनाई गई सड़क 10 गुना तक अधिक मजबूत होती है, एवं काफी लंबे समय तक सही रहती है।
★ राजगोपालन वासुदेवन जी ने सन 2006 में इस प्लास्टिक से निर्मित सड़क की खोज का पेटेंट रजिस्टर्ड करवा लिया, एवं बिना किसी पैसो के मोह के इस पेटेंट को अपने नाम करवाने के बजाय उसे भारत सरकार के नाम से रजिस्टर्ड करवा दिया।
भारत सरकार ने वासुदेवन जी की खोज का महत्व समझा एवं सन 2015 से सभी कोलतार सड़को में बिटुमिन मिश्रण के साथ प्लास्टिक अपशिष्ट को भी मिलाना अनिवार्य कर दिया।
★इस सराहनीय खोज के लिये भारत सरकार द्वारा "राजगोपालन वासुदेवन जी" को सर्वोच्च नागरिक सम्मान " पद्मश्री " द्वारा नवाजा गया।
★ इस खोज द्वारा प्लास्टिक का उपयोग कर हजारों किलोमीटर की सड़क का निर्माण किया जा चुका है।
एवं इसके निर्माण में प्रत्येक 1 किलोमीटर में मिश्रण में 90℅ बिटुमिन के साथ
10 ℅ प्लास्टिक अपशिष्ट में, अर्थात 1 किलोमीटर सड़क के निर्माण में हम 10 लाख प्लास्टिक अपशिष्ट का उपयोग किया जाता है।
इस तकनीक से एक दिन अपशिष्ट में कमी आ जायेगी।
राजगोपालन वासुदेवन जी के इस नए तकनीकी कदम से अपशिष्ट प्रबंधन में काफी मदद की ।
यदि आपको इनकी इस नई खोज के बारे में पढ़कर अच्छा लगा हो, तो आप नीचे प्रतिक्रिया देकर बता सकते है।एवं आप इस वेबसाइट को सब्सक्राइब एवं फॉलो भी कर सकते है। एवं शेयर जरूर करे।
धन्यवाद
हेल्लो दोस्तों में हूं, गोविन्द नागर धाकड़ ...
मेरे ब्लॉग www.blsons.blogspot.com में आपका हार्दिक स्वागत है,
दोस्तो आजकल पूरे वातावरण में प्रदूषण इतना बढ़ गया है, की जो कि अधिक जनसंख्या वाले नगर है, वहाँ रहना बहुत मुश्किल सा होता जा रहा है, एवं इस प्लास्टिक के प्रयोग के कारण ,वातावरण बहुत ज्यादा प्रदूषित हो गया है, जिसके कारण बहुत सारी बीमारियों के बढ़ने का खतरा हो गया है, एवं इस अपशिष्ट पदार्थ का निस्तारण ही एक मात्र इसका हल है,
एवं इसी सोच को साथ लेकर चलने वाले वो शक्स जिन्होंने यह कारनामा कर दिखाया एवं इस अपशिष्ट के निस्तारण का नया रास्ता खोज निकाला।
और उन शक्श को आज पूरे भारत मे " द प्लास्टिक मेन ऑफ इंडिया " के नाम से जानने लगे ।
दोस्तों इनके बारे में हम विस्तार से जानेंगे।
★परिचय -
नाम - राजगोपालन वासुदेवन
स्थान- मदुरै
शिक्षा- P.hd
कार्य- केमिस्ट्री प्रोफेसर ( चेन्नई )
प्रमुखता - अपशिष्ट प्रबंधन
★"द प्लास्टिक मेन ऑफ इंडिया" बनने का विचार -
यह बात है, सन 2002 की जब इनके द्वारा खबरों में दिए गए, इंटरव्यू के अनुसार ,जब एक बार " वासुदेवन" जी टीवी में खबर देख रहे थे, तभी उसमे प्लास्टिक अपशिष्ट से होने वाली बीमारियों के बारे में बताया जा रहा था, तभी इनको विचार आया, की क्यो नही इस " अनुपयोगी अपशिष्ट को उपयोगी बनाया जाए"
तभी इस विचार को ध्यान में रखकर अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने लगे और
इस रोजाना उत्पन्न होने वाले लाखो टन प्लास्टिक अपशिष्ट को उपयोगी बनाने के लिए , " वासुदेवन जी" ने इस से सड़क बनाने के रूप में उपयोगी समझा।
★ प्लास्टिक अपशिष्ट का मिश्रण तैयार किया -
"वासुदेवन जी" द्वारा इस मिश्रण के बारे में बताया गया कि ,जब प्लास्टिक को जब
छोटे- छोटे टुकड़ों में विभाजित कर
काली गिट्टी के 2mm के टूकड़ो को ,बिटुमिन के 90℅ के साथ 10 ℅ प्लास्टिक अपशिष्ट के साथ 170 ℃ के ताप पर गर्म कर मिश्रण तैयार किया जाता, है जिससे उनका बॉन्ड इतना मजबूत होता है कि उस से बनाई गई सड़क 10 गुना तक अधिक मजबूत होती है, एवं काफी लंबे समय तक सही रहती है।
★ राजगोपालन वासुदेवन जी ने सन 2006 में इस प्लास्टिक से निर्मित सड़क की खोज का पेटेंट रजिस्टर्ड करवा लिया, एवं बिना किसी पैसो के मोह के इस पेटेंट को अपने नाम करवाने के बजाय उसे भारत सरकार के नाम से रजिस्टर्ड करवा दिया।
भारत सरकार ने वासुदेवन जी की खोज का महत्व समझा एवं सन 2015 से सभी कोलतार सड़को में बिटुमिन मिश्रण के साथ प्लास्टिक अपशिष्ट को भी मिलाना अनिवार्य कर दिया।
★इस सराहनीय खोज के लिये भारत सरकार द्वारा "राजगोपालन वासुदेवन जी" को सर्वोच्च नागरिक सम्मान " पद्मश्री " द्वारा नवाजा गया।
★ इस खोज द्वारा प्लास्टिक का उपयोग कर हजारों किलोमीटर की सड़क का निर्माण किया जा चुका है।
एवं इसके निर्माण में प्रत्येक 1 किलोमीटर में मिश्रण में 90℅ बिटुमिन के साथ
10 ℅ प्लास्टिक अपशिष्ट में, अर्थात 1 किलोमीटर सड़क के निर्माण में हम 10 लाख प्लास्टिक अपशिष्ट का उपयोग किया जाता है।
इस तकनीक से एक दिन अपशिष्ट में कमी आ जायेगी।
राजगोपालन वासुदेवन जी के इस नए तकनीकी कदम से अपशिष्ट प्रबंधन में काफी मदद की ।
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धन्यवाद
जानिए "द प्लास्टिक मैन ऑफ इंडिया" के बारे में || The plastic Man of INDIA || Rajgopalan Vasudevan ||
Reviewed by Govind Nagar Dhakad
on
March 20, 2019
Rating:

Incredible,,,,,👏
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
Deleteधन्यवाद, पंकज जी।
Deleteहोली की हार्दिक शुभकामनाएं।💐